कंजूस व्यक्ति
एक दिन एक कंजूस व्यक्ति के दोस्त ने अपने मित्र की कंजूसी की आदत छुड़ाने की सोची।
वह उसे बाजार ले गया और बोला, “प्रिय मित्र, तुम क्या खाना पसंद करोगे?” कंजूस बोला, “भूख लगी है, चलो भोजन किया जाए।” वे एक होटल में जाकर।
कंजूस के दोस्त ने होटल मालिक से पूछा, “भोजन कैसा है?” होटल मालिक ने कहा, “मिठाई की तरह स्वादिष्ट!” कंजूस का दोस्त बोला, “क्यों न भोजन के स्थान पर कुछ मीठा खाया जाए।”
फिर वे एक शहद बेचने वाले की दुकान पर गए और पूछा.”शहद कैसा है?” शहद बेचने वाला बोला, “एकदम शुद्ध बिल्कुल पानी की तरह।'”
कंजूस का दोस्त बोला, “अरे, फिर यूँ ही पैसे क्यों व्यर्थ करें। चलो, घर चलते हैं। मैं तुम्हें घर पर शुद्ध शहद के रूप में पानी दूंगा।” फिर घर पहुँचकर कंजूस के दोस्त ने उसे पानी से भरा एक बर्तन थमा दिया।
कंजूस समझ गया कि उसके दोस्त ने उसे सबक सिखाने के लिए ही ऐसा किया है। इसलिए उसने उस दिन से कंजूसी छोड़ दी।
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